श्री आदिनाथाय नमो नम: | श्री चक्रेश्वरी दैव्ये नम : |
दिवाली अभिमंत्रित सम्पुट
इस सम्पुट में आपको मिलेगा अभिमंत्रित किया हुआ अष्टगंध का पैकेट , औरा क्लीनर पाउडर पैकेट , स्पेशल डिजाईन की हुई rose quartz की एक माला , पिली कौड़ी , गोमती चक्र , अभिमंत्रित रक्षापोटली |
: विशेषताएं :
1. अष्टगंध :
कुंकुम, चंदन आदि की तरह ही अष्टगंध की बहुत उपयोगी होता है। यह पूजा, तिलक और अन्य कई कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है। अष्टगंध को 8 तरह की उत्तम जड़ी या सुगंध से मिलाकर बनाया जाता है। गंधाष्टक या अष्टगंध आठ गंधद्रव्यों के मिलाने से बना हुआ एक संयुक्त गंध है जो पूजा में चढ़ाने और यंत्रादि लिखने के काम में आता है।
अष्टगन्ध में अलग अलग आठ उत्तम द्रव्य होते हैं जैसे की – कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल , चन्दन, कुशीत, कुष्ठ, केसर,रक्तचंदन, चंदगन, उशीर , कपूर, जटामासी इत्यादि |
यह खास पदार्थ सभी ग्रहों को शांत कर देते हैं। इसके इस्तेमाल से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं। ग्रहपीड़ा एवं कुंडली के दोषों में से शांति की प्राप्ति होती है |
इसका घर में इस्तेमाल होते रहने से चमत्कारिक रूप से मानसिक शांति मिलती है। मन से तनाव हट जाता है।
अष्टगंध की सुगंध में श्री लक्ष्मी जी को रिझाने का विलक्षण गुण होता है।
अष्टगंध के प्रयोग घर का वास्तुदोष भी दूर हो जाता है।
अष्टगंध का तिलक कनिष्ठा अंगुली से लगाने से ग्रहदोष शांत हो जाते हैं।
2. AURA CLEANING POWDER :
अलग अलग प्रकार के सुगन्धित अरोमा एवं सेंधा नमक, हिमालियन नमक , सामुद्रिक नमक एवं आभामंडल को खास क्लीन करने के लिए EPSOM SALT इत्यादी का सयोंजन किया हुआ है जिस के प्रयोग से आपके आभामंडल एवं शरीर की सारी नकारात्मक उर्जा दूर हो जाएगी एवं आपको सकारात्मक उर्जा की प्राप्ति होगी | इस नमक का प्रयोग आपको लगातार 7 दिवस तक नहाने के पानी में एक चुटकी जितना ले कर करना रहेगा |
3. गोमती चक्र :
यह एक दिव्य पत्थर होता है, जो दिखने में साधारण लगता है लेकिन होता चमत्कारिक है। इस पत्थर का नाम है गोमती चक्र। गोमती नदी में मिलने के कारण इसे गोमती चक्र कहते हैं। गोमती चक्र के घर में होने से व्यक्ति के ऊपर किसी भी प्रकार की शत्रु बाधा नहीं रहती।
इसको लाल सिंदूर की डिब्बी में रखना चाहिए। 11 गोमती चक्र लेकर उसे पीले वस्त्रों में लपेटकर तिजोरी में रखने से बरकत बनी रहती है।
4. लक्ष्मी का प्रतीक कौड़ियां :
पीली कौड़ी को देवी माँ महालक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कुछ पिली या सफेद कौड़ियों को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर में स्थित तिजोरी में रखें।
दो कौड़ियों को खुद की जेब में भी हमेशा रखें, इससे धनलाभ जरुर होगा। तिजोरी में कौड़ियों को रखने के समय आपको श्री भक्तामर महास्तोत्र की गाथा नंबर 26 का बारह बार पाठ करना है |
5. Rose quartz की माला :
रोज़ क्वार्ट्ज़ माला प्यार का रत्न है। रोज़ क्वार्ट्ज़ माला में इतनी ताकत है कि ये सबकी लाइफ की हर समस्याओं को पल भर में दूर का सकता है।
ह्रदय चक्र के लिए भी रोज़ क्वार्ट्ज़ माला काफी लाभकारी सिद्ध होता है। इस माला से ह्रदय को अत्यधिक ऊर्जा मिलती है।
भावनात्मक परेशानियों के समय भी रोज़ माला की सहायता से आप तनाव से उभर सकते हैं।
रोज़ क्वार्ट्ज़ संपर्क में आने से व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है, मनुष्य के मन में प्रेम की भावना विकसित करने में चमत्कारिक रूप से काम करता है रोज क्वार्ट्ज।
घर में रोज क्वार्ट्ज की माला रखने से परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम बना रहता है।
इस माला से आप माँ सरस्वती की साधना खास करें |