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चैत्री नवरात्री आराधना विधि

चैत्री नवरात्री आराधना विधि
आराधना के पवित्र ९ दिन में आप पार्श्वनाथ भगवान, पद्मावती देवी, कुलदेवी या कुलदेवता, घर के क्षेत्रपाल देवता की आराधना शुभ संकल्प के साथ करके अपनी पुन्य उर्जा में समूह पुन्य उर्जा की प्राप्ति कर सकते है
आपके पास पार्श्वनाथ भगवान, पद्मावती देवी, कुलदेवी का फोटो मंदिर में रखे या पूर्व दिशा में एक बाजोठ पर आसन पर स्थापित करे धुप दीप के साथ अष्ट प्रकारी पुजा की सामग्री रोज तैयार रखे
संकल्प में और मेरे कुल के सभी सदस्य शत प्रतिशत शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक और आर्थिक स्वस्थ है, शक्तिशाली है , सुखी है, समृध्ध है और सभी को तीसरे भाव में मोक्ष मिल गया है
इसको रोज आराधना शुरू करने से पहले ३ बार बोलना है

रोज सुबह पहले शंखेश्वरा पार्श्वनाथ भगवान की ३ स्तुति करे, वासकक्षेप से पुजा करे अष्ट प्रकारी पुजा करे चैत्यवंदन आता है तो वो भी करे इसके बाद निचे दिए गए मंत्र का ९, २७ या १०८ बार जाप करे
“ॐ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री धरणेन्द्र पद्मावती परिपुजिताय श्री शंखेश्वरा पार्श्वनाथाय नमः”
यश और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए आप इसका भी जाप कर सकते है “ॐ पार्श्वनाथाये ह्रीं नमः “
अब आपको पद्मावती देवी की स्तुति करके उनका यहाँ निचे दिया गया मंत्र जाप ९, २७ या १०८ बार करना है
“ॐ पद्मावती पद्मनेत्रे पद्मासने लक्ष्मीदायिनी वांच्छापुर्णि मम रुध्धि सिध्धि वृध्धि जयं जयं कुरु कुरु स्वाहा”
आप ये मंत्र का भी जाप कर सकते है “ॐ पद्मे नमः”
अब आपको अपनी कुलदेवी की पुजा प्रार्थना और वंदन करके उनका मंत्र जाप ९, २७ के १०८ बार करना है
|| ओम ह्रीं श्रीं कुलेश्वरी प्रसीद – प्रसीद ऐम् नम: ||
इसके बाद आप अपने घर के क्षेत्रपाल देवता को प्रसन्न रखने हेतु स्तुति, प्रार्थना और वंदन करके उनका ये मंत्र का जाप ९, २७ या १०८ बार करना है
“ॐ क्षं क्षेत्रपालाये नमः”

सभी मंत्र जाप अलग अलग माला पर करना है भगवान के लिए सफ़ेद, माता और क्षेत्रपाल देवता के लिए लाल माला आप ले सकते है माला नहीं है तो अपने हाथ की उंगलिया पे भी जाप कर सकते है
आप आरती करना छाते है तो कर सकते है आपको भगवान का आरती मंगल दिया फिर माताजी की आरती और उसके बाद में कुलदेवी या कुल देवता की आरती करनी है आप क्षेत्रपाल देवता की भी आरती कर सकते है