किसी ने खूब कहा है …. मेरी मां
स्वार्थ के संसार में बहुत ढूंढा यहां वहाँ,
मिल ना पाया कोई मुझको तेरे जैसा ओ “मेरी मां”
तुम ही हो मेरे सारे रिश्ते, तुम ही हो मेरा खुदा,
तुझमे ही मुझे दिख गया सारा जहाँ ओ “मेरी मां”
बोझ हूँ इस धरती का सबने मुझसे यही कहा,
“फूल” हूँ आंचल का तेरे कहती थी तुम “मेरी मां”
खाके ठोकर दुनिया की मै गिर पड़ा हारा हुआ,
दिल से मेरे”आह”निकला तुम कहाँ हो “मेरी मां”
हे विधाता ले लो मुझसे तुमने जो मुझको दिया,
मेरे हिस्से छोड़ देना कुछ नही बस “मेरी मां”
कर ले उपचार पाकर माँ का प्यार हर बार,
ऐसा ही अनुभव करे उपयोग करके,
जैन अनुष्ठान म्यूजिक थेरेपी का हर बार