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हस्तरेखा शास्त्र

हस्तरेखा शास्त्र

हस्तरेखा शास्त्र से जाने अपनी हथेली का राजयोग…

आज हम आपको बताएँगे की कैसे आप भी जान सकते है है हस्तरेखा शास्त्र से अपनी हथेली का राजयोग, राजयोग यानी सभी सुख-सुविधाएं, मान-सम्मान और ऐश्वर्य देने वाला योग।

ये योग जिन लोगों की किस्मत में होता है, वे किसी राजा के समान जीवन व्यतीत करते हैं। इन योगों की जानकारी हस्तरेखा और सामुद्रिक शास्त्र से मिल सकती है।

यहां जानिए किसी व्यक्ति के भाग्य में राजयोग है या नहीं, उसके संकेत… तो आइये जानते है आपके हाथ में है राजयोग या नहीं..

1. जिस व्यक्ति की हथेली के मध्य भाग में घोड़ा, घड़ा, पेड़ या स्तम्भ का चिह्न हो, वह राजसुख करता है। ऐसे लोग किसी नगरसेठ के समान धनी होते हैं।

2. जिस व्यक्ति का ललाट (माथा) चौड़ा और विशाल हो, नेत्र सुन्दर, मस्तक गोल और भुजाएं लंबी होती हैं, वह व्यक्ति भी राजसुख प्राप्त करता है।

3. जिस व्यक्ति के हाथ में धनुष, चक्र, माला, कमल, ध्वजा, रथ, आसन अथवा चतुष्कोण हो, उसे महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

4. यदि अंगूठे में यव का चिह्न हो, साथ ही मछली, छाता, अंकुश, वीणा, सरोवर या हाथी समान चिह्न हो तो वह व्यक्ति यश्स्वी और अपार धन का स्वामी होता है।

5. जिस व्यक्ति के हाथ में तलवार, पहाड़ या हल का चिह्न हो, उसके पास धन की कमी नहीं होती है।

6. जिन लोगों के हाथ की सूर्य रेखा, मस्तक रेखा से मिली हुई हो और मस्तक रेखा स्पष्ट सीधी होकर गुरु की ओर झुकने से चतुष्कोण का निर्माण होता हो, वह मंत्री समान सुख प्राप्त करता है।

7. जिसके हाथ में गुरु, सूर्य पर्वत उच्च हो, शनि और बुध रेखा पुष्ट एवं स्पष्ट और सीधी हो, वह शासन में उच्च पद प्राप्त कर सकता है।

8. यदि व्यक्ति के हाथ में शनि पर्वत पर त्रिशूल का चिह्न हो, चन्द्र रेखा का भाग्य रेखा से संबंध हो या भाग्य रेखा हथेली के मध्य से प्रारंभ हो और उसकी एक शाखा गुरु पर्वत पर और एक सूर्य पर्वत पर जाए तो व्यक्ति राज्याधिकारी होता है।

9. जिन लोगों के हाथ में गुरु और मंगल पर्वत उच्च हो, मस्तिष्क रेखा द्विजिव्ही यानी दो शाखाओं वाली हो या बुध की उंगली नुकीली हो और लम्बी हो,साथ ही नाखून चमकदार हो तो व्यक्ति राजदूत होता है।

10. जिस व्यक्ति के बाएं हाथ की तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) एवं कनिष्ठिका उंगली (लिटिल फिंगर) की अपेक्षा दाहिने हाथ की तर्जनी एवं कनिष्ठि का मोटी और बड़ी हो,

मंगल पर्वत अधिक ऊंचा हो और सूर्य रेखा प्रबल हो तो व्यक्ति कलेक्टर या कमीश्नर बन सकता है।

रेखाओं और पर्वतों के हिन्दी नाम और इंग्लिश नाम …

जीवन रेखा- Life Line

हृदय रेखा- Heart Line

मस्तिष्क रेखा- Head Line

सूर्य रेखा- Sun Line or Fame Line

भाग्य रेखा- Fate Line

शुक्र पर्वत- Venus Mount

चंद्र पर्वत- Moon Mount

गुरु पर्वत- Jupiter Mount

मंगल पर्वत- Mars Mount

शनि पर्वत- Saturn Mount

सूर्य पर्वत- Sun Mount

बुध पर्वत- Mercury Mount

यदि जातक की स्वास्थ्य रेखा घिसी हुई-सी छिन्न-भिन्न हो एवं चन्द्र स्थान से एक रेखा निकलकर आयु रेखा को काटती जाए तो गठिया रोग होता है।

 यदि चन्द्र पर्वत पर नक्षत्र चिह्न हो और चन्द्र के नीचे का भाग उच्च होकर अनेक रेखाओं से कटा हो एवं उस पर भी नक्षत्र चिह्न हो तो जातक को जलोदर रोग होता है।

चन्द्र पर्वत अधिक उन्नत हो तो उसे एसिडिटी रोग होता है। यदि जातक के नाखून बांसुरी आकार के हों एवं हथेली की त्वचा कोमल हो तो जातक को त्वचा रोग होता है।