श्री यंत्र
यदि आपके जीवन में आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं तो आपको मां लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। साथ ही आपको अपने घर या ऑफिस में श्रीयंत्र की स्थापना करनी चाहिए और नियमित विधिवत पूजन करना चाहिए। श्रीयंत्र को उस यंत्र के रूप में देखा जाता है जिसका पूजन करने से सुख-संपत्ति, सौभाग्य ऐश्वर्य और विद्या आदि की प्राप्ति होती है। आमतौर पर सभी यंत्रों में से श्री यंत्र (Shree Yantra) को यंत्रों का राजा कहा जाता है और इस यंत्र को संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। सभी यंत्रों में श्री यंत्र ही केवल एक ऐसा यंत्र है जिसकी पूजा करने से समस्त देवी-देवताओं के साथ रखकर पूजा जाता है।
श्री यंत्र के लाभ
- श्री यंत्र को स्थापित करने से मैरिड लाइफ खुशहाल रहती है।
- यदि आप अपने ऑफिस में रखकर इसकी पूजा करते हैं तो आपको प्रमोशन भी मिलता है।
- दीपावली पर इसका पूजन करने से सालभर धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है।
- इस यंत्र की नियमित पूजा करने से वास्तुदोष भी दूर हो जाते हैं।
- यदि आपके व्यापार में वृद्धि नहीं हो रही है तो आपको श्री यंत्र की पूजा करनी चाहिए।
- इस यंत्र के पूजन से मनुष्य को अष्टसिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त होती हैं।
- श्री यंत्र (Shree Yantra) के साथ यदि ‘श्री ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ का प्रतिदिन 108 बार मंत्रोच्चार किया जाए तो जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- यदि आपके घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार रहता है तो आपको अपने घर में श्रीयंत्र स्थापित करना चाहिए और उसकी निरंतर पूजा करनी चाहिए।
- पारद श्रीयंत्र रखने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- अष्टधातु का श्रीयंत्र स्थापित करने से पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।
- स्फटिक श्रीयंत्र से शांति, ज्ञान और समृद्धइ मिलती है।
- स्वर्ण श्रीयंत्र व्यापार में वृद्धि के लिए उपयुक्त होता है।
- तांबे का श्रीयंत्र रखने से धन की कामना पूरी होती है।
- यदि आप किसी को श्रीयंत्र गिफ्ट करना चाहते हैं तो आप चांदी का श्रीयंत्र दे सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
जिस तरह मंत्र की शक्ति उनके शब्दों में होती है ठीक वैसी ही यंत्र की शक्ति उनकी रेखाओं और बिदुंओं में समाहित होती है। श्री यंत्र में 9 त्रिभुज होते हैं और 9 त्रिभुज से मिलकर 45 नए त्रिभुज बनते हैं। इस यंत्र के बीच में सबसे छोटे त्रिभुज के बीच एक बिंदु होता है और इसमें 9 चक्र होते हैं। जिसमें 9 देवियों का वास होता है। इस यंत्र का लाभ लेने के लिए इसे घर या ऑफिस की सही दिशा में स्थापित करना चाहिए। साथ ही इस यंत्र को शुभ मुहूर्त और शुभ दिन स्थापित करने से इसका शुभ फल प्राप्त होता है। श्री यंत्र को स्थापित करते वक्त इसके शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा जैसे महत्वपूर्ण चरण सम्मिलित होने चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा करवाए बिना श्री यंत्र विशेष लाभ प्रदान नहीं करता है। इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से पहले सुनिश्चित करें कि यह विधिवत बनाया गया हो और इसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई हो। श्री यंत्र (Shree Yantra) खरीदने के पश्चात किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेकर उसे घर की सही दिशा में स्थापित करना चाहिए। अभ्यस्त और सक्रिय श्री यंत्र को शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए।
यदि आपके घर में दो श्री यंत्र हैं तो आपको केवल एक को ही स्थापित करना चाहिए। श्रीयंत्र को घऱ के मेनगेट में कभी नहीं स्थापित करना चाहिए। यदि संभव हो तो इस यंत्र को घर के पूजास्थल में ही स्थापित करना चाहिए। श्री यंत्र को स्थापित करते वक्त इसके शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा जैसे महत्वपूर्ण चरण सम्मिलित होने चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा करवाए बिना श्री यंत्र विशेष लाभ प्रदान नहीं करता है। इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से पहले सुनिश्चित करें कि यह विधिवत बनाया गया हो और इसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई हो। श्री यंत्र खरीदने के पश्चात किसी अनुभवी पंडित द्वारा अभिमंत्रित करने के पश्चात उसे घर की सही दिशा में स्थापित करना चाहिए। अभ्यस्त और सक्रिय श्री यंत्र को शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए।
स्थापना विधि
शुक्रवार को श्रीयंत्र की स्थापना करने के लिए सबसे पहले प्रातकाल स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर और श्रीयंत्र को लाल कपड़े में स्थापित करें और गंगाजल या कच्चे दूध से स्नान कराएं। तत्पश्चात श्री यंत्र में लाल चंदन, लाल फूल और अक्षत चढ़ाएं। श्री यंत्र के बीज मंत्र“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” या “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:” मंत्र का जाप करें। श्री यंत्र से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करें। तत्पश्चात, श्री यंत्र (Shree Yantra) को स्थापित करने के बाद इसे नियमित रूप से धोकर इसकी पूजा करें ताकि इसका प्रभाव कम ना हो। यदि आप इस यंत्र के पेडेंट को बटुए या गले में धारण करते हैं तो स्नानादि के बाद अपने हाथ में यंत्र को लेकर रोज श्रीसूक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ होने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
श्री यंत्र का बीज मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:
श्री यंत्र जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली यंत्र माना जाता है, उसे अपने घर या ऑफिस में सही तरीके से स्थापित करने पर आप हर तरह की समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं। श्री यंत्र को सभी यंत्रों का राजा कहा जाता है। एक तरह से इसे संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक भी माना जाता है। इस यंत्र को माता लक्ष्मी का यंत्र कहा जाता है। मुख्य रूप से इस यंत्र की पूजा आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए होता है। माता लक्ष्मी का यह यंत्र आपको धनवान बना सकता है।
श्री यंत्र के प्रकार (types of shree yantra)
श्री यंत्र दो आकृतियों में आता है एक उर्ध्वमुखी और दूसरा अधोमुखी। उर्ध्वमुखी का मतलब होता है ऊपर की ओर और अधोमुखी का मतलब होता है नीचे की ओर। शास्त्रों में उर्ध्वमुखी श्री यंत्र को ज्यादा मान्यता दी गई है।
श्री यंत्र को कैसे करें स्थापित (shree yantra sthapit karne ka tareeka)
श्री यंत्र एक पवित्र यंत्र है इसलिए इसे स्थापित करने से पहले आपका मन और तन दोनों शुद्ध होना चाहिए। श्री यंत्र स्थापित करने के लिए सबसे पहले स्नान कर लें फिर स्वच्छ वस्त्र धारण कीजिए। उसके बाद श्री यंत्र को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर शुद्ध कर लें। उसके बाद ईशान कोण में एक लाल वस्त्र बिछाकर उस पर श्री यंत्र को स्थापित करें।
श्री यंत्र को स्थापित करते वक्त उसके बीज मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम: या ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं का जाप करते रहें। इस यंत्र को स्थापित करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि जब भी आप इस यंत्र की स्थापना कर रहे हों, आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ही ओर हो।
आर्थिक समस्याओं के लिए ऐसे करें प्रयोग (shree yantra for money problems)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्री यंत्र का प्रयोग अलग-अलग इच्छाओं के लिए अलग-अलग तरीके से किया जाता है। अगर आपको श्री यंत्र का प्रयोग आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए करना है तो आपको स्फटिक पिरामिड वाले श्री यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। इस श्री यंत्र को एक गुलाबी कपड़े में लपेटकर किसी पूजा की चौकी पर स्थापित करें।
श्री यंत्र के लाभ (shree yantra ke fayde)
- श्री यंत्र की स्थापना करने से आपके व्यापार में वृद्धि होती है नौकरी में तरक्की मिलती है।
- इस यंत्र की स्थापना से आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
- मात्र इस यंत्र की स्थापना से ही घर के सभी वास्तु दोष दूर होते हैं।
- बच्चों की शिक्षा के स्थान पर श्री यंत्र रखने से उनमें एकाग्रता बढ़ती है।
- तांबे का श्री यंत्र रखने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती है।
- दीपावली या किसी भी शुभ अवसर या त्यौहार के दिन इस यंत्र की विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करने को साल भर आर्थिक समस्याएं नहीं होती हैं।
- चांदी का श्री यंत्र किसी को गिफ्ट करना सबसे उत्तम माना जाता है।
प्रतिदिन करनी चाहिए पूजा (how to worship shree yantra)
श्री यंत्र को केवल स्थापित कर देना ही बड़ी बात नहीं होती। अगर आपने अपने घर में श्री यंत्र की स्थापना की है तो आपको प्रतिदिन विधिवत तरीके से पूजा करनी चाहिए। हर शाम उसके सामने घी का दिया जलाएं, सुबह शाम एक माला श्री यंत्र स्थापना मंत्र का जाप करें। सबसे जरूरी बात जहां भी इस यंत्र की स्थापना करें उस जगह को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें।