1 मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष का महत्व और प्रभाव
1 मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है, प्रत्येक रुद्राक्ष के अधिपति देवता कौन-कौन से है तथा इससे सम्बंधित ग्रहों के बारे में आज अभ्यास करेंगे तथा इन रुद्राक्षों को धारण करने के बाद हमें कौन कौन से लाभ होते है, इसके बारे में विस्तार से समजेंगे
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भेरूजी और रुद्राक्ष का आपस में गहरा सम्बन्ध है। भेरूजी ऐसे देवता है जो अपने भक्तों से शीघ्र ही प्रसन्न होते है।
रुद्राक्ष के लाभ
धरती पर भगवान तो स्वयं मौजूद नहीं हैं लेकिन वे रुद्राक्ष के रूप में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
मान्यता है कि रुद्राक्ष एक रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है जो आपको हर मुसीबत से बचाए रखता है।
रुद्राक्ष धारण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
एक मुखी रुद्राक्ष
पापों का नाश करने तथा भय, चिंता, से मुक्ति दिलाने के लिए ही इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है,
इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात सूर्य देव तथा भेरूजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है,
सिंह राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
दो मुखी रुद्राक्ष
स्री रोग, किडनी तथा आँख से सम्बंधित रोगों से मुक्ति पाने के लिए यह रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात चन्द्र देव प्रसन्न होते है,
यह रुद्राक्ष कर्क राशि के जातकों के लिए लाभकारी होता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष
यह अग्नि देव का ही रूप है, इसे धारण करने से वास्तुदोष समाप्त होता है
तथा साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
इसका सम्बन्ध मंगल ग्रह से होता है तथा मेष और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए लाभकारी होता है।
चार मुखी रुद्राक्ष
यह ब्रह्म देव का ही रूप है, इसे धारण करने से गले से सम्बंधित रोग, कुष्ठ रोग,, दमा तथा लकवा आदि रोगों से मुक्ति मिलती है।
इसका सम्बन्ध बुध गह से होता है तथा कन्या एवं मिथुन राशि के लोगों के लिए लाभकारी होता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष
इसे धारण करने से धन-संपत्ति तथा मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
पीलिया, मधुमेह तथा किडनी से सम्बंधित रोगों से मुक्ति मिलती है।
इस रुद्राक्ष का सम्बन्ध बृहस्पती ग्रह से होता है, मीन तथा धनु राशि के लोगों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी होता है।
छह मुखी रुद्राक्ष
इसे धारण करने से मूत्र रोग, किडनी तथा नपुंसकता जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
इस रुद्राक्ष का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होता है, तुला तथा वृष राशि के लोगों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी होता है।
सात मुखी रुद्राक्ष
यह माँ लक्ष्मी का ही रूप है, इसे धारण करने से नसों, हड्डियों से सम्बंधित रोगों से निजात मिलती है
तथा आर्थिक विकास होता है। इसका सम्बन्ध शनि ग्रह से होता है। यह मकर और कुम्भ राशि के लोगों के लिए लाभकारी होता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष
यह भगवान गणेश का ही स्वरुप है।
करियर में आ रही बाधाओं तथा मुसीबतों को दूर करने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है।
इसका सम्बन्ध राहु ग्रह से होता है, इस आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद अकाल मृत्यु का डर समाप्त हो जाता है तथा त्वचा संबंधी रोग एवं गुप्त रोगों से राहत मिलती है।
नौ मुखी रुद्राक्ष
भैरव तथा दुर्गा इसके देवता है, इस रुद्राक्ष के प्रभाव से फेफड़े, कान और आँखों से सम्बंधित रोगों से मुक्ति मिलती है,
संतान प्राप्ति के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। इसका सम्बन्ध केतु ग्रह से होता है।
जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु शुभ होने के बाद भी अपना शुभ फल नहीं दे पाते ऐसे लोगों को यह रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
दस मुखी रुद्राक्ष
इस रुद्राक्ष के प्रभाव से हृदय रोग तथा फेफड़ों से सम्बंधित रोगों में राहत मिलती है,
इसका सम्बन्ध सभी ग्रहों से होता है, यह नज़र दोष तथा नकारात्मक शक्तियों से हमारी रक्षा करता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
इस रुद्राक्ष के प्रभाव से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है,
यात्रा के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
इसका सम्बन्ध मंगल ग्रह से होता है तथा मेष और वृश्चिक राशि के लोगों के लिये यह लाभकारी होता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष
भगवान सूर्य इसके देवता है, इस रुद्राक्ष के प्रभाव से नाम, शोहरत, सम्मान की प्राप्ति होती है,
इसके प्रभाव से हृदय से सम्बंधित रोगों से मुक्ति मिलती है।
इसका सम्बन्ध सूर्य ग्रह से होता है तथा सिंह राशि के लोगों के लिए यह लाभकारी होता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष
इन्द्रदेव इसके देवता है, इसका सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होता है।
इस रुद्राक्ष के प्रभाव से मूत्र रोग, गर्भ संबंधी रोगों से निजात मिलती है,
किडनी से परेशान लोगों के लिए भी यह रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होता है।
तुला और वृषभ राशि के लोगों के लिए यह लाभकारी होता है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष
इस रुद्राक्ष के प्रभाव से निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है,
तथा निराशा, बेचैनी, भूत-प्रेत, डर का समूल नाश होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात शनि देव तथा भेरूजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है,
मकर और कुम्भ राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष
1. यदि आपके घर में पारिवारिक समस्याएं हैं तो यह रुद्राक्ष आपसी प्रेम में वृद्धि और परिवार में सुख शांति हेतु चमत्कारी रूप से कार्य करता है जिनके यहां पारिवारिक समस्याएं हैं वे इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करें।
2. अभमंत्रित रुद्राक्ष को अपने घर या दुकान की तिंजोरी में रखने से व्यापार में वृद्धि और घर में सुख शांति का आगमन होता है।
3. आध्यात्मिक व्यक्ति इस रुद्राक्ष को चांदी की कैप बनाकर गले में अवश्य धारण करें इसे धारण करने से ईश्वर प्रेम में वृद्धि होती है और अध्यात्म में बढ़ोत्तरी होती है जिससे मोक्ष आसानी से प्राप्त होता है।