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Bhaktamar Rakhi

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📿 भक्तामर रक्षाकवच / राखी

रक्षा बंधन पर भाई की रक्षा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक। जैन परंपरा से प्रेरित, इसे आज ही अपनाएं।

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Description

भक्तामर रक्षाकवच (राखी)

1️⃣ भक्तामर रक्षाकवच कैसे धारण करे
👉 आपको भक्तामर रक्षाकवच मिल गया होगा अब आपको शुद्ध वस्त्र में अपने राईट हेंड में ये रक्षाकवच रखने के बाद उसके उपर अपना दूसरा हाथ रखना है अब आपको 3 नवकार मंत्र गिनना है ! और आपको भक्तामर स्तोत्र की पहली गाथा गिननी है|

 

2️⃣ रक्षाकवच संकल्प
👉 मुझे सभी प्रकार की सुख शांति और स्वस्थता की प्राप्ति के साथ आथिॅक उन्नति मिलने में सहयोग उजाॅ मील गयी है, इस प्रकार के भाव से आपको ये संकल्प 3 बार बोलना है,अब फिर से 3 बार नवकार मंत्र को गिनने के बाद आपको ये रक्षाकवच पहेनना है|

 

3️⃣ रक्षापोटली माहिती
👉 रक्षापोटली को राईट हेंड में 1 नवकार मंत्र गिनके बांधना है|

 

4️⃣ अभिमंत्रित वासक्षेप
👉 सुबह स्नान करने के बाद चपटी शिर पर डालना है अपने गुरु का नाम लेकर

 

5️⃣ अभिमंत्रित अष्टगंध
👉 8 औषधि युक्त एवं विशिष्ट गुरु भगवंतो की उर्जा आपके लिए…
👉 अभिमंत्रित अष्टगंध से तिलक करे और आज्ञा चक्र को संतुलित करे|

Additional information

QTY

2 Rakhi, 5 Rakhi, 10 Rakhi