🥭आद्रा नक्षत्र और आम का त्याग🥭
- जैन धर्म अनुसार सूर्य आद्रा नक्षत्र में आता है उस दिन से आम खाना बंद कर दिया जाता है ।
- जैन धर्म पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है।
- चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
- भारतीय शास्त्र में नक्षत्र विज्ञान बड़ा महत्वपूर्ण है। हर एक नक्षत्र की अपनी विशेषता है। कोई भी ग्रह जब किसी नक्षत्र से निकलता है तब नक्षत्र की विशेषता अनुसार फल देता है।
- सभी प्रकार की वनस्पति के ऊपर भी नक्षत्र का असर होता है।
- नक्षत्र का आम के ऊपर क्या असर होता है वह बता रहा हूँ।*
- गर्मी आते ही हम लोग आम खाने के लिए उतावले हो जाते है। जल्द से जल्द हमें कब आम खाने को मिले ऐसा प्रयास करते हैं।
- किन्तु हमारे किसान मित्र कहते हैं की अखात्रिज से आम में मिठास आनी शुरू होती है और जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और उसकी गर्मी से जो आम पकता है उसकी मिठास अलग ही होती है। ( 25 मई के आसपास)
- ठीक उसी तरह जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है और उसकी किरनें आम के ऊपर गिरती है तो उसमें कीड़े होना शुरु हो जाता है।
- दूसरा कारण, सूर्य जब आर्द्रा नक्षत्र में आता है तब वातावरण में भेज की मात्रा काफी बढ़ जाती है। उसके कारण भी आम के बिगड़ने की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
यह बात पूर्ण तौर से वैज्ञानिक है और उसका असर हम देख सकते है।
हमारे पूर्वजों ने भी यह बात देखी है।
इसीलिए सूर्य जब आर्द्रा नक्षत्र में आता है तो आम खाना मना किया है।
क्यूंकि जैन धर्म का प्राण ही जीवदया और जयणा है।
इस वर्ष 22-06-2023 के दिन शाम 05-49 समय पर सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है।
तब से आम वापरना बंध करना है।